अब के समय में लगभग सभी के पास एक अच्छा स्मार्टफोन या एक Normal लैपटॉप तो जरूर ही होता है कंप्यूटर या फिर स्मार्टफोन को और बेहतर से बेहतर बनाने के लिए प्रोसेसर बहुत बड़ा रोल प्ले करता है इसीलिए अक्सर स्मार्टफोन और कंप्यूटर के यूजर प्रोसेसर के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं क्योंकि यह स्मार्टफोन या फिर कंप्यूटर की सबसे जरूरी अंग होता है। वो लोग भी जो नया स्मार्टफोन, टैबलेट या फिर लैपटॉप लेना चाहते हैं तो उन्हें भी प्रोसेसर की जानकारी होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
प्रोसेसर क्या है | कैसे काम करता है
आसान भाषा में बताऊं तो मेरे अनुसार यदि आप एक अच्छा प्रोसेसर चुनते है तो आप एक अच्छा स्मार्टफोन या फिर लैपटॉप को भी चुन सकते हैं। इसीलिए कम बजट में ही एक अच्छा प्रोसेसर का चुनाव, आप प्रोसेसर की जानकारी लेकर कर सकते है।
तो इस आर्टिकल में मैंने बताया है की प्रोसेसर क्या है? प्रोसेसर कैसे काम करता है? प्रोसेसर कितने प्रकार के होते हैं? प्रोसेसर के टेक्निकल शब्द जैसे: क्लॉक स्पीड क्या होती है? प्रोसेसर में कोर का मतलब क्या है? CPU में 36-bit ओर 64-bit Architecture क्या होती है? इन सभी टॉपिकस के बारे में बहुत ही आसान भाषा में समझाने की कोशिश किया है। आशा करता हूं कि आपके सारे डाउट्स क्लियर हो जायेंगे और प्रोसेसर की बारे में जानने की उत्सुकता भी और बढ़ जाएगी।
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प्रोसेसर क्या है?
प्रोसेसर, माइक्रोप्रोसेसर या कंट्रोलर, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सेंट्रल कंट्रोल-प्रोसेसिंग यूनिट होती है जिसे की टेक्निकल लैंग्वेज में आईसी इंटीग्रेटेड चिप या सिर्फ चिप बोलते हैं। कंप्यूटर के अंदर प्रोसेसर का मेन रोले इनपुट और आउटपुट इंफॉर्मेशन को कंट्रोल करना और पेरीफेरल डिवाइसेज जिसको आप इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज भी बोल सकते हो जैसे कि कीबोर्ड, रैम, हार्ड डिस्क मॉनिटर आदि को कंट्रोल करना भी है। आपके इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज को ठीक तरीका से ऑपरेट होने के लिए प्रोसेसर Instructions भेजता है।
अगर आपको किसी डिवाइस को बंद करना है तो उसके लिए हम बंद करने के लिए आप कंप्यूटर को इनपुट देंगे तो इस इनपुट को प्रोसेसर बहुत सारे मैथमेटिकल ऑपरेशन परफॉर्म करके करके अंत में यह समझता है कि इस पर्टिकुलर डिवाइस को बंद करना है। उसके बाद उस पर्टिकुलर डिवाइस को बंद होने के लिए इंस्ट्रक्शन या कमांड देता है। वह पार्टिकुलर डिवाइस प्रोसेसर के आदेश अनुसार अपने आप को बंद करता है। इसीलिए जितनी तेज प्रोसेसिंग होगी उतना ही तेज आपके कंप्यूटर और स्मार्टफोन काम करेंगे।
प्रोसेसर इंसान के दिमाग के जैसे है, जैसे की ह्यूमन ब्रेन हमारे शरीर के सभी अंग को कंट्रोल और संचालित करता है अगर हमें किसी भी अंग को ऑपरेट करना है तो हमें मस्तिष्क से उस पार्टिकुलर अंग के को कमांड देना पड़ता है और इस तरह वह अंग ऑपरेट होती है वैसे ही कंप्यूटर के सभी पार्ट्स, प्रोसेसर के कमांड का इंतजार करते है और फिर प्रोसेसर के कमांड के मुताबिक अपने आप को ऑपरेट करते है।
इसलिए आसान भाषा में प्रोसेसर को कंप्यूटर या फिर मोबाइल का ब्रेन🧠 भी कहा गया है। वैज्ञानिक अभी इंसान के मस्तिष्क को गहराई से अध्ययन कर रहे हैं ताकि प्रोसेसर को और अच्छा से अच्छा बनाया जा सके।
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प्रोसेसर और दूसरे चिप के जैसे सेमीकंडक्टर मैटेरियल जैसे सिलिकॉन के बने बने होते हैं प्रोसेसर में मिलियंस ऑफ ट्रांसिस्टर्स लगे होते हैं। ट्रांजिस्टर आमतौर पर स्विचिंग यानी कि चालू और बंद करने का काम करते है मूल रूप से ट्रांज़िटर्स अपने इसी स्विचिंग फीचर के कारण जानकारी (एक प्रकार की बिजली सिग्नल) को प्रोसेस और कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
ट्रांजिस्टर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंटस से मिलकर, लॉजिक गेट्स बनाये जाते हैं जैसे AND, OR, NOT, NOR इत्यादि। लॉजिक गेट प्रोसेसर में बाइनरी ऑपरेशन संचालित करने के काम में आते हैं मतलब (Multiplication, addition, subtraction) अब हम बोल सकते हैं की प्रोसेसर जो कि कंप्यूटर का दिमाग है लॉजिक गेट्स पर आधारित है और लॉजिक गेट्स ट्रांजिस्टर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (कैपेसिटर रजिस्टर और डायोड) पर आधारित है।
माइक्रोप्रोसेसर के बिना कंप्यूटर या फिर लैपटॉप को बना पाना मुमकिन ही नहीं है क्योंकि माइक्रोप्रोसेसर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भाग है जो मदरबोर्ड के साथ-साथ इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज को भी आपस में कनेक्ट करके रखता है और और एक डिवाइसेज से दूसरे डिवाइस के बीच में कम्युनिकेशन स्थापित करता है। जिसके फलस्वरूप इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज में कनेक्शन संभव हो पाता है।
प्रोसेसर से जुड़ी जरूरी जानकारी
प्रोसेसर में क्लॉक स्पीड क्या है?
क्लॉक स्पीड प्रोसेसर की स्पीड मापने की एक राशि (Quantity) है जिसका मात्रक Hz (हर्ज़) में यानी कि Per Second में होता है एकदम जैसे समय मापने की यूनिट सेकंड है। ये भी ध्यान में रखिए कि यँहा पर सेकंड यानी कि हर्ज फ्रीक्वेंसी का भी मात्रक है। फ्रीक्वेंसी का आसन मतलब है की एक सेकंड में कितना साइकल कंप्लीट हो रहा है जब कोई प्रोसेस या टास्क दिए गए steps में पूरी होती है, तो उसे हम एक साइकिल कहते हैं।
एकदम आसान भाषा में एक सेकंड में जितना अधिक काम होगा तो हम इसकी फ्रीक्वेंसी अधिक मान लेते हैं। यानी कि काम करने की स्पीड ज्यादा मान लेंगे क्योंकि कम समय में ज्यादा साइकल पूरा हो रहा है। अब यहां पर प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड को समझते हैं उदाहरण के लिए माना कि किसी प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड 100hz है तो इसका मतलब है, मतलब की प्रोसेसर एक सेकंड में 100 साइकिल यानी कि 100 बार काम करेगा।
दूसरा उदाहरण के लिए हम मान लेते हैं कि किसी प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड 500 हर्ज है तो इसका मतलब यह है कि वह प्रोसेसर एक सेकंड में 500 साइकिल पूरा करेगा यानी कि 500 बार काम करेगा तो इस प्रोसेसर की स्पीड पहले प्रोसेसर से 5 गुना ज्यादा है।
आमतौर पर आजकल के समय में एक जनरल पर्पज लैपटॉप या स्मार्टफोन के सीपीयू का क्लॉक स्पीड Ghz में होता है। तो यह निष्कर्ष निकलता है की प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड जितनी अधिक होगी उसकी कार्य करने की स्पीड भी ज्यादा होगी।
प्रोसेसर में Dual Core, Quad Core, Octa Core का मतलब
प्रोसेसर में कोर का सिंपल सा मतलब है, एक पूरे सीपीयू के अंदर में एक छोटा अलग सीपीयू लगा हो। आप ऐसा मान लीजिए की एक छोटा सीपीयू कोई एक सॉफ्टवेयर के सारे टास्क को परफॉर्म कर रहा है ठीक उसी समय दूसरा छोटा सीपीयू दूसरे सॉफ्टवेयर के सारे टास्क को परफॉर्म कर रहा है।
तो दोस्तों इससे ये मतलब निकला की यह छोटा सा सीपीयू एक संपूर्ण सीपीयू की तरह किसी भी टास्क को अकेला परफॉर्म कर सकता है जिससे कि मल्टीटास्किंग संभव हो पाती है। मल्टीटास्किंग का आसन मतलब होता है कि आप एक ही समय पर एक से ज्यादा टास्क को करते हो। एग्जांपल के लिए मान लीजिए आप एक समय में एमएस वर्ड में कुछ टाइपिंग कर रहे हो और ठीक उसी समय में गाना सुन रहे हो या फिर क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हो।
प्रोसेसर में मल्टीटास्किंग समय बचाने का एक बहुत ही अच्छा फीचर है। समय के साथ-साथ प्रोसेसर में कोर की वृद्धि बढ़ती जा रही है जैसे कि पहले Single Core प्रोसेसर होती थी जो कि एक समय में एक ही टास्क कर पाते थे उसके बाद फिर dual-core बना इससे मल्टीटास्किंग संभव हो पाया लेकिन उतना एफ्फिसिएंट तरीका से काम नहीं करता था इसीलिए Quad कोर विकसित किया गया Quad कोर में मल्टी टास्किंग बहुत ही आसान हो जाती है।
लेकिन जब बात आ जाती है आपको एक से ज्यादा हेवी सॉफ्टवेयर एक ही समय में यूज करने का जैसे आप एक ही समय में वीडियो मिक्सिंग और कोई कंप्यूटिंग या फिर एनालिसिस का काम कर रहे हो तो फिर यहां पर क्वॉड कोर से भी एडवांस प्रोसेसर ऑक्टा कोर प्रोसेसर की जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है। और एक बात बताऊं तो पढ़िए अब मल्टी कोर प्रोसेसर भी मार्केट में आने लगे हैं जिससे कि यूज़र को न बिल्कुल स्मूथ लैग फ्री एक्सपीरियंस मिलता है।
तो आखिर इतने सारे प्रोसेसर में आपको किस कोर का प्रोसेसर लेना चाहिए? मेरे हिसाब किताब से अगर आपको लैपटॉप पर ज्यादा हैवी काम करना है तो आपको ऑक्टा कोर या फिर उससे अधिक मल्टीकोर का प्रोसेसर लेना चाहिए जिससे आपका पीसी हैंग नहीं हो सकता है।
प्रोसेसर में 32bit, 64bit आर्किटेक्चर का मतलब
64-bit processor, 32-bit processor से ज्यादा तेज होता है क्योंकि 64-bit का मतलब हुआ 2^64 bytes डाटा को RAM से एक निश्चित समय में रिट्रीव करके प्रोसेस करना, यहाँ bytes digital information की एक यूनिट है जबकि 32bit प्रोसेसर 2^32 bytes डाटा को उसी निश्चित समय में रैम (RAM ) से रिट्रीव करके प्रोसेस करता है।
आसान भाषा में 64 बिट प्रोसेसर 32 बिट processor की तुलना में कम समय में अधिक डाटा को प्रोसेस कर सकते है जबकि उतना ही डाटा को प्रोसेस करने में 32 बिट प्रोसेसर अधिक समय लेता है। तो जाहिर सी बात है 64 बिट प्रोसेसर बहुत जल्दी काम करता है इसके अलावा 32 बिट प्रोसेसर के मुकाबला,64 बिट processor मे ग्राफिक्स अच्छे होते है।
1990 से अर्ली 2004 तक के बीच के मोस्टली जो कंप्यूटर थे वे सभी 32-बिट आर्किटेक्चर पर आधारित थी। उसके बाद से अब तक लगभग सभी स्मार्टफोन कंप्यूटर और लैपटॉप 64-bit आर्किटेक्चर पर आधारित है।
Intel प्रोसेसर में (Core i3, i5, i7, i9) का मतलब
यहां i intel की ब्रांडिंग को दिखाता है, core Series को दर्शाता है और डिजिट्स का मतलब है version जितना ही ज्यादा होगा वो प्रोसेसर उतना ही ज्यादा पावरफुल होगा एग्जाम्पल के लिए-
i3 बेसिक टास्क के लिए अच्छी परफॉर्मेंस देता है और यह बेसिक लेवल के यूज़ के लिए है और इसमें दो कोर (dual core) होते हैं।
i5 यह मल्टीपल टास्क के लिए अच्छी परफॉर्मेंस देता है तथा यह इंटरमीडिएट लेवल के यूज़ के लिए है और इसमें 4 कोर है इसके अलावा इस सीरीज के कुछ प्रोसेसर मल्टीट्रेडिंग और टर्बो बूस्ट भी परफॉर्म करते हैं।
i7 यह भी multitasking के लिए काफी अच्छा प्रोसेसर है एक्स और इससे आप Advance Level का software चला कर सकते हो और इसमें 6 कोर होते हैं इसके अलावा मल्टी ट्रेडिंग, हाइपरथ्रेडिंग और टर्बो बूस्ट फीचर्स भी होते हैं
i9 जिसमें 8 कोर होते है और इसके अलावा Hyper Threading और Turbo Boost Picture मिल जाता है इससे हम किसी भी तरह के एडवांस लेवल का काम कर सकते है। तो निष्कर्ष यह निकला कि Version (कोर) जितना अधिक होगा वह प्रोसेसर उतना ही बहुत शक्तिशाली और मल्टी टास्किंग के लिए अधिक उपयोगी होगा। इंटेल कंपनी कोर सीरीज के अलावा अन्य सीरीज के भी प्रोसेसर बनाती है जैसे Intel Pentium, Intel celeron आदि।
सबसे पहले माइक्रो-प्रोसेसर किस कंपनी ने बनाया था?
सेमीकंडक्टर मैटेरियल की खोज के बाद बेहतर प्रोसेसर को बनाना पॉसिबल हुआ। पूरी दुनिया में सबसे पहले Intel कंपनी ने 1971 में Single Chip माइक्रो-प्रोसेसर बनाया था। Intel कंपनी के तीन इंजीनियर Stanley Mazor, Federico Faggin and Marcian Hoff ने साथ मिलकर इस माइक्रो प्रोसेसर को बनाया था। इस चिप का नाम Intel 4004 माइक्रो प्रोसेसर रखा गया था और यह Von Neumann architecture पर आधारित थी।
यानी कि इसे ऐसे बनाया गया था कि इस छोटे से चिप के अंदर ही सारे प्रोसेसिंग कंपोनेंट्स जैसे कि अर्थमैटिक लॉजिकल यूनिट, कंट्रोल यूनिट और मेमोरी यूनिट एक साथ थे। इंटेल 4004 माइक्रोप्रोसेसर 4 bit architecture पर आधारित था। इसमें 302 ट्रांजिस्टर लगे हुए थे जिसका क्लॉक स्पीड 108 किलो हर्ट्ज़ तक था जो scaled होकर 740 किलो हर्ट्ज़ तक बढ़ जाता था। इसको 1972 में Intel की 8008 Series से रिप्लेस कर दिया 8008 प्रोसेसर के पास 3500 Transistor और 0.5-0.8 Mhz तक क्लॉक स्पीड थी, और तब से लेकर आज तक Intel Company लगातार अपने प्रोसेसर को Improve और Advance करते ही आ रही है।
Conclusion
इस आर्टिकल में हमने बहुत सारी चीजें जानी जैसे की प्रोसेसर क्या है,प्रोसेसर से जुड़ी जरूरी जानकारी, प्रोसेसर में Dual Core, Quad Core, Octa Core का मतलब आदि। उम्मीद है आपको ये पोस्ट पढ़कर कुछ नया सीखने को मिला होगा।
लेकिन अगर आपको अब भी इसमें कोई भी प्रॉब्लम होती है तो आप Comments के जरिये हम से पूछ सकते है। अगर आपको लगे कि आज का यह पोस्ट आप सभी के लिए उपयोगी है तो आप जो आपको घंटा दिख रहा है उसको ऑन कर दीजिए इससे आप हमारे आगे आने वाली आर्टिकल्स की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच जाएगी और आप अपना दिमाग बढ़ा सकते हैं उन आर्टिकल्स को पढ़के।
धन्यवाद
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